मंगल का रत्ना मूंगा पहनने से पहले ध्यान रखें ये बातें | Things To keep mind before wearing Red Coral

मंगल का रत्ना मूंगा पहनने से पहले ध्यान रखें ये बातें | Things To keep mind before wearing Red Coral

मूंगा रत्‍न को शक्‍तिशाली रत्‍न माना गया है। मंगल का यह रत्‍न ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इस रत्‍न को धारण करने से व्‍यक्‍ति के साहस और आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोत्तरी होती है। अगर आप में आत्‍मविश्‍वास की कमी है या आप बात-बात पर घबराते हैं तो मंगल का मूंगा रत्‍न आपकी परेशानी को हल कर सकता है।

रत्‍नशास्‍त्र के अनुसार मूंगा के साथ-साथ अन्‍य किसी भी रत्‍न को धारण करने से पूर्व कुछ बातों का ध्‍यान रखा जाता है और अगर आप मूंगा रत्‍न धारण करना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि इसे पहनने से पूर्व आपको क्‍या करना चाहिए।

तो चलिए जानते हैं मूंगा धारण करने से पूर्व किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

जन्‍मकुंडली विश्‍लेषण (Janam kundali)

जी हां, ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार मूंगा रत्‍न धारण करने से पूर्व आपको किसी अनुभवी और अच्‍छे पंडित से अपनी कुंडली का विश्‍लेषण करवा लेना चाहिए। आप चाहें तो Shubh Gems से भी संपर्क करके योग्‍य ज्‍योतिषाचार्य से अपनी कुंडली दिखा सकते हैं।

कौन कर सकता है धारण (Who can wear Moonga)

मंगल भूमि, घर, भवन निर्माण और पुलिस, सेना एवं प्रशासन का कारक है। इन क्षेत्रों में कार्य कर रहे जातकों को मंगल का रत्‍न मूंगा अत्‍यंत लाभ पहुंचाता है। इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को मूंगा पहनने से बहुत लाभ मिलता है और इनकी सफलता के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं।

इन बातों का रखें ध्‍यान :

  • मूंगा रत्‍न को केवल शुक्‍ल पक्ष में ही धारण करना चाहिए। जो रत्‍न आप धारण कर रहे हैं उसे पू‍णिर्मा को पहनने पर उसका अत्‍यधिक फल मिलता है। इसलिए मूंगा रत्‍न को इस दिन ही धारण करने की कोशिश करें।
  • सूर्योदय के दो घंटे के भीतर ही मूंगा रत्‍न को अंगूठी या लॉकेट में धारण कर लें। सुबह के 6 बजे से 8 बजे का समय उचित रहता है। मूंगा मंगल का रत्‍न है इसलिए इसे मंगलवार को ही धारण करना चाहिए।
  • अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि आपको कितनी रत्ती का मूंगा रत्‍न धारण करना चाहिए तो इसका एक आसान सा उपाय है। जितना आपके शरीर का भार है उसके मुताबिक रत्‍न का वजन निर्धारित होता है। जैसे कि अगर आपका वजन 60 किलो है तो आपको 6 रत्ती का मूंगा रत्‍न धारण करना होगा।
  • अगर आपके जीवन में मंगल के क्षेत्र से संबंधित क्षेत्रों में समस्‍याएं और कठिनाईयां आ रही हैं या आपकी कुंडली में मंगल पीडित या नीच स्‍थान में बैठा है तो आप मूंगा रत्‍न पहन सकते हैं। वहीं जिनकी राशि का स्‍वामी मंगल है वो भी इस रत्‍न को धारण कर सकते हैं।
  • रत्‍न को इस तरह धारण करें कि वो आपकी त्‍वचा से स्‍पर्श हो वरना आपको रत्‍न की ऊर्जा से लाभ नहीं मिल पाएगा। अंगूठी बहुत ज्‍यादा टाइट या ढीली नहीं होनी चाहिए। जब बहुत ज्‍यादा ही जरूरत हो तभी अंगूठी को उतारें वरना बार-बार अंगूठी को उतारने की जरूरत नहीं है।
  • मूंगा रत्‍न आपको सूट कर रहा है या नहीं ये जांचने के लिए रात को सोते समय आप इसे अपने तकिए के नीचे कम से कम तीन घंटे के लिए रख दें और अगर आपको इस दौरान कोई बुरा सपना नहीं आता है तो ये रत्‍न आपके लिए अच्‍छा रहेगा लेकिन अगर आपको कोई बुरा सपना आता है तो आपको इसे लेकर ज्‍योतिषी या पंडित से परामर्श करना चाहिए।
  • कोई भी रत्‍न धारण करने से पूर्व धारणकर्ता को एक बात समझ लेनी चाहिए कि रत्‍न को जादू नहीं कर सकता है। इसे पहनने के तुरंत बाद आपको इसका असर दिखाई नहीं देता है। समय के साथ ही रत्‍न अपनी ऊर्जा से आपके जीवन की परेशानियों को दूर करने लगता है और तब आपको इसका असर भी नज़र आने लगता है। रत्‍न धारण करने के बाद आपको इसके प्रभाव को लेकर थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है।

एक बात का और ध्‍यान रखें कि कोई भी रत्‍न तब तक लाभ नहीं देता है जब तक कि उसे उसके स्‍वामी ग्रह के मंत्रों से अभिमंत्रित ना किया जाए।

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